Skip to main content

Posts

https://youtu.be/PBl9fP4C5kkनए वायरस का प्रकोप कैसे बचेंगे आपचैनल को सब्सक्राइब करें

Recent posts

व्यक्तित्व के वास्तविक अर्थ को समझे

अंग्रेजी में शब्द है, पर्सनेलिटी। वह बहुत कीमती शब्द है। यूनान में जो नाटक होते थे, उन नाटकों में पात्रों को अपनेचेहरे पर एक मुखौटा लगाना पड़ता था। उस मुखौटे का नाम परसोना होता था। और उसी शब्द परसोना से पर्सनैलिटी बना है। पर्सनैलिटी का अर्थ है, ओढ़ा हुआ व्यक्तित्व, ओढ़ा हुआ मुखौटा। जो आप नहीं हैं, वैसा चेहरा।तो जो व्यक्ति अपने भीतर की प्रकृति के विपरीत होता है, अनिवार्य रूप से उसे उसप्रकृति के विपरीत एक मुखौटा निर्मित करना होता है। एक व्यक्तित्व की खोल अपने चारों तरफ बना लेता है। यह खोल अंतरात्मा से मिलन न होने देगी। निसर्ग आपके खिलाफ नहीं है, लेकिन आपका व्यक्तित्व आपके खिलाफ है। और हर आदमी व्यक्तित्व बनाए हुए है, और उसको मजबूत किए चला जाता है। मेरे पास लोग आते हैं, वे कहते हैं कि आत्मा को जानना है, लेकिन व्यक्तित्व को छोड़ने की जरा भी तैयारी नहीं होती। वे अपने व्यक्तित्व को पकड़ कर ही आत्मा को पाना चाहते हैं! यह असंभव है। इस व्यक्तित्व को ठीक से समझ लेना जरूरी है, तो ही आप आत्मा की खोज में आगे बढ़ सकेंगे, अन्यथा आप हमेशा भटकते रहेंगे। क्योंकि जिसको आपने पकड़ा है, वही तो बाधा है।

कोरोना घातक है मानव समाज के लिए

कोरोना कर सकता है मानव सभ्यता का अंत  यूपी में विधान सभा चुनाव है और कोरोना के नये वेरियंट ओमीक्रोन के बढ़ने की खबरें आने लगी हैं। दिल्ली सरकार ने भी नये साल और क्रिसमस के कार्यक्रमों पर पाबंदी लगा दी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन अपनी ंिचंताएं जाहिर कर रहा है। यह तीसरी लहर बहुत ही घातक साबित होगी।    लेकिन राजनीतिक पार्टियां और यूपी सरकार इसको लेकर गंभीर दिखाई नहीं दे रही है। सोशल डिस्टेंसिग तो बहुत दूर की बात है लोग मास्क लगाना तक जरूरी नहीं समझ रहें हैं। लोगों का कहना है कि देखा जाएगा। जिसकी मौत लिखी होगी उसे कोई रोक नहीं सकता। इसलिए मौत से क्या डरना। क्या हम कोरोना के तांडव को देखने के लिए तैयार रहें। मैंने पिछली लहर भी कहा था कि मानव सभ्यता पर संकट है। मानव सभ्यता को अपना अस्तित्व बचाने की लड़ाई लड़नी होगी। अन्यथा मानव सभ्यता अपने अस्तित्व की समाप्ति की ओर है। यह ठीक डायनासोर के अस्तित्व के अंत जैसा है। और भी ऐसी बहुत सी प्रजातियां थी जो विलुप्त हो गई जो आज इतिहास की कहानी हैं।  हमें मानव सभ्यता के अस्तित्व को बचाने के लिए जागना होगा नहीं तो कोरोना इस प्रजाति को निगल जाएगा। इसलिए प्रदेश

उत्तर प्रदेश की राजनीति में हिंदुत्व का कार्ड वर्सेस समाजवादी विकास कार्ड

अजय शर्मा वरिष्ठ पत्रकार एवं राजनीतिक विश्लेषक उत्तर प्रदेश की सियासत में मथुरा में कृष्ण जन्म भूमि और शाही मस्जिद को लेकर केशव प्रसाद मौर्य के ट्वीट के ऊपर संभल के सांसद और सपा नेता रहमान के बयान ने सियासी तड़का लगा दिया है.  सहारनपुर में भाजपा के वरिष्ठ नेता और गृहमंत्री अमित शाह मैं अपनी रैली में जो कहा है वह अपने आप में बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है कि सहारनपुर में शाकुंभरी देवी के नाम पर विश्वविद्यालय बनेगा।  इससे उत्तर प्रदेश की सियासत में ध्रुवीकरण की संभावनाएं बहुत ज्यादा बढ़ गई है केशव प्रसाद मौर्य अपने बयान पर कायम है बीजेपी के प्रवक्ता हिंदुत्व और विकास की राजनीति की बात कर रहे हैं जिससे यह साफ हो गया है कि अब उत्तर प्रदेश की सियासत में कृष्ण जन्मभूमि ही चुनावी मुद्दा रहेगा.  आपको मैं यहां पर बता दूं जब पीवी नरसिम्हा राव देश के प्रधानमंत्री थे उस वक्त की सरकार ने वरशिप एक्ट 1991 मैं पास किया था। साल 1991 में रामजन्मभूमि आंदोलन चरम पर था. उस दौरान अयोध्या के साथ ही तमाम मंदिर-मस्जिद विवाद उठने लगे थे. ऐसे में तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव की सरकार ने साल 19

अखिलेश यादव ने बदल दी है उत्तर प्रदेश की सियासत

अखिलेश यादव ने बदल दिया है सियासी माहौल अजय शर्मा वरिष्ठ टीवी पत्रकार एवं राजनीतिक विश्लेषक उत्तर प्रदेश में सियासत अब घोड़े की चाल यानी कि  कदम चलने लगी है. पक्ष और विपक्ष आमने-सामने हैं सत्ताधारी पक्ष अपने आप को उसी पुराने तौर-तरीकों के साथ जनता के सामने रख रहा है जिसमें राष्ट्रवाद, जिन्ना, अब्बा जान, कोरोना से निपटने की कामयाबी, माफियाओं और अपराधियों पर बुलडोजर चलाना.  वहीं विपक्ष रोटी, कपडा और मकान, महंगाई, बेरोजगारी महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार और बलात्कार जैसे मामलों पर सियासी मैदान में है. जिसमें बिजली का बिल से लेकर पेट्रोल डीजल, सीएनजी, आलू टमाटर, तेल और मोबाइल कंपनियों के रिचार्ज के बढ़ते दाम सियासी तीर है.  यह वह मुद्दे हैं जिनके सामना हर व्यक्ति कर रहा है.  ऐसे में समाजवादी पार्टी अपनी सियासत को मजबूत कर रही है जिसमें उसने कुछ पार्टियों के साथ गठबंधन किया है और कुछ के साथ आने वाले समय में होगा और दूसरी तरफ कांग्रेस बाहर से लड़ रही है. वही बहुजन समाज पार्टी शांत है जो कभी-कभी समुद्र की लहरों की तरह से अपना रूप दिखा देती है उसके बाद फिर शांत हो जाती है.  पूर्वांचल म

समाजवादी पार्टी और सरदार वल्लभ भाई पटेल

समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश की समूची इकाइयों को सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती मनाने का निर्देश दिया सभी कार्यकर्ताओं ने कार्यक्रम आयोजित किए गाजियाबाद की समाजवादी पार्टी की इकाई ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती को लेकर एक कार्यक्रम रखा कार्यक्रम में कुछ वरिष्ठ पदाधिकारी एवं अभी हाल ही में पार्टी में शामिल हुए पूर्व विधायक अमरपाल शर्मा भी पहुंचे.  पंडित अमरपाल शर्मा ने चुनावों को ध्यान में रखते हुए सिर्फ और सिर्फ समाजवादी पार्टी के कार्यकाल में हुए विकास कार्यों की चर्चा करने का आह्वान किया उन्होंने कहा कि आप सभी लोग कांग्रेस वाली गलती ना करें कांग्रेस हमेशा बीजेपी पर टारगेट करती है लेकिन अपने कार्य और उपलब्धियों पर टारगेट नहीं करती है जिसकी वजह से उसे नुकसान उठाना पड़ा था इसलिए मैं तो सिर्फ यही कहता हूं कि आप लोगों के बीच में जाएं और पार्टी के द्वारा कराए गए विकास कार्यों की चर्चा करें उन्हें बताएं कि समाजवादी पार्टी ने अपने कार्यकाल में क्या किया और उनसे पूछो मौजूदा पार्टी की सरकार ने क्या किया है.  पंडित अमरपाल शर्मा ने सरदार वल्लभभाई पटेल को एक दृढ़ निश्चय वाला महा पुरुष बताते ह

अरविंद कुमार शर्मा की अग्नि परीक्षा ब्राह्मणों को एकजुट करना

ब्राह्मणों को एकजुट करना अरविंद कुमार शर्मा की अग्नि परीक्षा उत्तर प्रदेश में चुनाव चुनावी शंख प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल के विस्तार के साथ ही बज चुका है.  ऐसे में चुनावी समीकरण और गठजोड़ का खेल शुरू भी शुरू हो चुका है इस बार की राजनीति मैं ब्राह्मण और ओबीसी वोट बैंक केंद्र में है.  उत्तर प्रदेश के प्रमुख दल भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी इन दोनों वोट बैंक को अपनी तरफ लुभाने में लग चुके हैं.  मायावती ने ब्राह्मणों को लुभाने के लिए अपनी चाल चल दी है उन्होंने 23 जुलाई से पार्टी महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में प्रबुद्ध वर्ग संगोष्ठी ब्राह्मण सम्मेलन शुरू करवा दिया है पहला सम्मेलन अयोध्या में श्री राम लला के दर्शन के साथ शुरू हुआ.  इसके बाद से विरोधी पार्टियों की नींद उड़ गई है कल तक बसपा को नंबर 4 की पार्टी समझा जा रहा था और वह किसी भी गिनती में नहीं थी आज वही पार्टी प्रतिद्वंदी के रूप में सामने खड़ी है.  भारतीय जनता पार्टी ने ब्राह्मणों को साधने के लिए अपने सबसे कंट्रोवर्सी विवादास्पद व्यक्ति अरविंद कुमार शर्मा को